भोपाल, 15 सितंबर।
अभियंता दिवस पर आज मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रदेश के युवाओं के लिए बड़े और सकारात्मक बदलाव की घोषणा करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश में इंजीनियर ट्रेनिंग एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट की स्थापना होगी। सरकार का दावा है कि इस कदम से आधुनिक तकनीकी शिक्षा, नवाचार और उद्योगों से प्रत्यक्ष जुड़ाव के साथ युवाओं को शोध के बेहतर अवसर मिलेंगे। तकनीकी क्षेत्र में प्रदेश की दशा सुधारने का यह एक महत्त्वपूर्ण प्रयास बताया जा रहा है।
क्यों महत्वपूर्ण है यह संस्थान
मध्यप्रदेश से हर साल सैकड़ों अभियंता अपनी पढ़ाई पूरी कर बाहर चले जाते हैं। वजह है—शोध, औद्योगिक अनुभव और विशेषज्ञ मार्गदर्शन की कमी। यदि यह संस्थान सही नियोजन, समयबद्ध निर्माण और व्यवहारिक तंत्र के साथ आगे बढ़ता है तो यह प्रतिभाओं को प्रदेश में टिकाए रखने के साथ स्थानीय उद्योग व नवाचार को नई दिशा देने में सहायता करेगा।
अब भी बाकी हैं कुछ सवाल
योजनाओं की घोषणा के बाद जरूरी है—आम जनता जानना चाहती है कि संस्थान वास्तव में कब और कहाँ बनेगा? इसका ढांचा, फंडिंग और संचालन कैसे होगा? क्या सरकार इस संकल्प को केवल मंच तक सीमित रखेगी या ठोस क्रियान्वयन के साथ युवाओं तक वास्तविक लाभ पहुँचाएगी?
जनता की नजरें और सरकार की जिम्मेदारी
प्रदेश के युवाओं को अब केवल बड़े-बड़े वादों से संतुष्टि नहीं मिलेगी। उन्हें चाहिए—बेहतर प्रशिक्षण, नये-नये शोध के अवसर और उद्योगों में सफल कॅरियर का रास्ता। सरकार की जिम्मेदारी है कि इस योजना को पारदर्शिता और तय समय में लागू करे, ताकि प्रतिभाओं को प्रदेश में ही उज्जवल भविष्य मिल सके।