ग्वालियर। शहर के एक ऊंचे विज्ञापन बोर्ड पर एक मजदूर करीब 100-150 फीट की ऊंचाई पर बिना किसी सेफ्टी बेल्ट, हेलमेट या सुरक्षा उपकरण के काम करते हुए देखा गया। यह दृश्य न केवल लापरवाही की हद दिखाता है बल्कि शासन-प्रशासन की उदासीनता पर भी गंभीर सवाल खड़ा करता है।
श्रम कानूनों के अनुसार, ऊंचाई पर काम करने वाले कर्मचारियों को अनिवार्य सुरक्षा गियर और प्रशिक्षण प्रदान करना जरूरी है। Building and Other Construction Workers Act, 1996 के तहत एजेंसियों की जिम्मेदारी है कि किसी भी कर्मचारी की जान जोखिम में न डाली जाए। बावजूद इसके, ग्वालियर की कई विज्ञापन एजेंसियां इन नियमों की खुलेआम अनदेखी कर रही हैं।
मजदूर रोज़ी-रोटी के लिए अपनी जान खतरे में डाल रहे हैं, जबकि शहर का प्रशासन इन खतरनाक कार्यों को देखता हुआ भी मौन है। कुछ दिन पहले इसी तरह एक मजदूर होल्डिंग पर काम करते समय हाई टेंशन लाइन से टकराकर मौत का शिकार हुआ था, लेकिन उस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
अब सवाल जनता की ओर से उठ रहा है — क्या किसी की जान से बढ़कर कोई होर्डिंग या प्रचार हो सकता है? अगर प्रशासन इस तस्वीर और हालिया हादसे के बावजूद कार्रवाई नहीं करता, तो यह केवल एक मजदूर की नहीं, बल्कि पूरे व्यवस्था की हार होगी।