- एन एच डेस्क, कनाडा (मनोज स्वतंत्र)
14 मई, 2025: कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने मंगलवार, 13 मई, 2025 को अपने नए मंत्रिमंडल की घोषणा की, जिसमें भारतीय मूल की अनीता आनंद को कनाडा का नया विदेश मंत्री नियुक्त किया गया है। यह नियुक्ति न केवल कनाडा की राजनीति में एक महत्वपूर्ण क्षण है, बल्कि भारतीय डायस्पोरा के लिए भी गर्व का विषय है। अनीता आनंद कनाडा की पहली हिंदू महिला विदेश मंत्री बनी हैं, जिन्होंने पवित्र हिंदू ग्रंथ भगवद्गीता पर हाथ रखकर पद और गोपनीयता की शपथ ली। इस नियुक्ति के साथ, वह कनाडा के इतिहास में एक नया अध्याय लिख रही हैं।
अनीता आनंद का परिचय
अनीता आनंद का जन्म 20 मई, 1967 को नोवा स्कोटिया के केंटविल में हुआ था। उनके माता-पिता, डॉ. सरोज डी. राम (पंजाबी) और डॉ. सुंदरम वी. आनंद (तमिल), 1960 के दशक में भारत से कनाडा प्रवासित हुए थे और दोनों चिकित्सक थे। अनीता की परवरिश एक ऐसे परिवार में हुई, जो महात्मा गांधी के सिद्धांतों से प्रेरित था। उनके दादा, वी.ए. सुंदरम, भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में सक्रिय थे। अनीता की दो बहनें, गीता आनंद (रोजगार वकील) और सोनिया आनंद (चिकित्सक और शोधकर्ता), भी अपने-अपने क्षेत्रों में प्रतिष्ठित हैं।अनीता ने अपनी शिक्षा क्वींस यूनिवर्सिटी से पॉलिटिकल स्टडीज में बीए (ऑनर्स), वधम कॉलेज, ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से ज्यूरिस्प्रूडेंस में बीए, डलहौजी यूनिवर्सिटी से एलएलबी, और टोरंटो यूनिवर्सिटी से एलएलएम पूरी की। राजनीति में प्रवेश करने से पहले, वह येल यूनिवर्सिटी और टोरंटो यूनिवर्सिटी में कॉरपोरेट गवर्नेंस और निवेशक संरक्षण जैसे विषयों पर एक प्रतिष्ठित प्रोफेसर थीं।
राजनीतिक करियर
अनीता आनंद ने 2019 में ओकविल, ओंटारियो से लिबरल पार्टी के टिकट पर संसद सदस्य (MP) के रूप में अपनी राजनीतिक शुरुआत की। वह कनाडा की पहली हिंदू महिला थीं, जिन्हें 2019 में संघीय मंत्रिमंडल में शामिल किया गया। अपने करियर में उन्होंने कई महत्वपूर्ण मंत्रालयों का नेतृत्व किया, जिनमें शामिल हैं: सार्वजनिक सेवा और खरीद मंत्रालय (2019-2021): कोविड-19 महामारी के दौरान उन्होंने कनाडा की वैक्सीन खरीद और स्वास्थ्य-संबंधी सामग्रियों की आपूर्ति का नेतृत्व किया। रक्षा मंत्रालय (2021-2023): रक्षा मंत्री के रूप में, उन्होंने कनाडाई सशस्त्र बलों में यौन दुराचार के मुद्दों को संबोधित किया और यूक्रेन को रूस के खिलाफ युद्ध में सैन्य सहायता प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनकी इस भूमिका की यूक्रेनी विदेश मंत्री आंद्रिय सिबिहा ने भी सराहना की।
परिवहन और आंतरिक व्यापार मंत्रालय (सितंबर 2024-मई 2025): उन्होंने कनाडा की सड़क और रेल अवसंरचना को उन्नत करने पर ध्यान केंद्रित किया।नवाचार, विज्ञान और उद्योग मंत्रालय (मार्च-मई 2025): इस दौरान उन्होंने आर्थिक विकास और नवाचार को बढ़ावा देने पर काम किया। 2022 में, उन्हें संयुक्त राष्ट्र संघ कनाडा द्वारा ग्लोबल सिटिजन अवार्ड से सम्मानित किया गया। विदेश मंत्री के रूप में नियुक्ति
प्रधानमंत्री मार्क कार्नी, जो इस साल की शुरुआत में जस्टिन ट्रूडो की जगह आए और हाल ही में चुनाव जीते, ने अपने मंत्रिमंडल में व्यापक फेरबदल किया। इस फेरबदल में अनीता आनंद को मेलानी जोली की जगह विदेश मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी गई, जबकि जोली को उद्योग मंत्रालय में स्थानांतरित किया गया। कार्नी ने अपने 38 सदस्यीय मंत्रिमंडल में 28 मंत्रियों और 10 राज्य सचिवों को शामिल किया, जिसमें अनीता आनंद एक प्रमुख चेहरा हैं।
शपथ ग्रहण समारोह में, अनीता ने भगवद्गीता पर हाथ रखकर शपथ ली, जो सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से चर्चा में रहा। उन्होंने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर लिखा, “कनाडा की विदेश मंत्री के रूप में नामित होने पर मुझे सम्मानित महसूस हो रहा है। मैं प्रधानमंत्री मार्क कार्नी और हमारी टीम के साथ मिलकर एक सुरक्षित, निष्पक्ष विश्व बनाने और कनाडाई लोगों के लिए काम करने की आशा करती हूं।
प्रमुख जिम्मेदारियां और चुनौतियां
विदेश मंत्री के रूप में, अनीता आनंद को कई वैश्विक और राष्ट्रीय चुनौतियों का सामना करना होगा, जिनमें शामिल हैं:
अमेरिका के साथ संबंध:
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व में कनाडा और अमेरिका के बीच व्यापार युद्ध की स्थिति को देखते हुए, अनीता को नए आर्थिक और सुरक्षा संबंध स्थापित करने की जिम्मेदारी होगी।
यूक्रेन सहायता:
रक्षा मंत्री के रूप में यूक्रेन को सैन्य सहायता प्रदान करने का उनका अनुभव अब वैश्विक मंच पर कनाडा की स्थिति को मजबूत करने में सहायक होगा।
वैश्विक कूटनीति:
वैश्विक राजनीति में उथल-पुथल के इस दौर में, अनीता को कनाडा की बहुपक्षीय कूटनीति को बढ़ावा देना होगा, विशेष रूप से ब्रिटिश राष्ट्रमंडल और जी7 जैसे मंचों पर।
भारतीय डायस्पोरा और कनाडा की राजनीति में प्रभाव।
इस नियुक्ति के साथ, कनाडा में भारतीय मूल के नेताओं की बढ़ती भूमिका एक बार फिर सामने आई है। हाल के संघीय चुनावों में 22 भारतीय मूल के उम्मीदवारों ने जीत हासिल की, जिनमें से चार को कार्नी के मंत्रिमंडल में जगह मिली।
अनीता आनंद के अलावा, मनींदर सिद्धू को अंतरराष्ट्रीय व्यापार मंत्री, जबकि रूबी साहोटा और रणदीप सिंह सराय को राज्य सचिव के रूप में नियुक्त किया गया।
अनीता आनंद की नियुक्ति को भारत-कनाडा संबंधों के लिए भी सकारात्मक माना जा रहा है। कुछ विश्लेषकों का मानना है कि उनके नेतृत्व में दोनों देशों के बीच संबंध सुधर सकते हैं, विशेष रूप से उन तनावों के बाद जो हाल के वर्षों में देखे गए।
निजी जीवन।
अनीता आनंद की शादी जॉन नॉल्टन से हुई है, और उनके चार बच्चे हैं। वह एक सक्रिय सामुदायिक नेता रही हैं और अपने परिवार के साथ ओकविल में रहती हैं। उनके परिवार ने हमेशा शिक्षा, सेवा, और सामुदायिक विकास को प्राथमिकता दी है, जो उनकी कार्यशैली में भी झलकता है।
अनीता आनंद की कनाडा की विदेश मंत्री के रूप में नियुक्ति एक ऐतिहासिक उपलब्धि है, जो कनाडा की बहुसांस्कृतिक पहचान और भारतीय डायस्पोरा की बढ़ती ताकत को दर्शाती है। उनकी शैक्षिक पृष्ठभूमि, राजनीतिक अनुभव, और वैश्विक दृष्टिकोण उन्हें इस भूमिका के लिए एक आदर्श उम्मीदवार बनाते हैं। जैसे-जैसे वह वैश्विक मंच पर कनाडा का प्रतिनिधित्व करेंगी, दुनिया भर में भारतीय मूल के लोग उनकी सफलता की कामना कर रहे हैं।
कनाडा में भारतीय मूल के विजयी उम्मीदवार
लिबरल पार्टी के विजयी उम्मीदवार (14)
- अनीता आनंद
निर्वाचन क्षेत्र: ओकविल ईस्ट, ओंटारियो
वोट शेयर: 50.7% (कंजर्वेटिव रॉन चिन्जर को 45.1% के साथ हराया)
पृष्ठभूमि: नोवा स्कोटिया में जन्मी, तमिल और पंजाबी मूल की। पूर्व रक्षा, परिवहन, और नवाचार मंत्री। टोरंटो और येल यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर रही हैं।
विशेष: कनाडा की पहली हिंदू महिला विदेश मंत्री।
- रूबी साहोटा
निर्वाचन क्षेत्र: ब्रैम्पटन नॉर्थ, ओंटारियो
वोट शेयर: उपलब्ध नहीं (कंजर्वेटिव अमनदीप जज को हराया)
पृष्ठभूमि: 54 वर्षीय वकील, 2015 से सांसद। पूर्व लोकतांत्रिक संस्थान मंत्री (2024-2025)। पंजाब में बादल सरकार ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया था।
विशेष: पंजाबी समुदाय में मजबूत प्रभाव।
- मनींदर सिद्धू
निर्वाचन क्षेत्र: ब्रैम्पटन ईस्ट, ओंटारियो
वोट शेयर: उपलब्ध नहीं (कंजर्वेटिव बॉब दोसांझ को हराया)
विशेष: 41 वर्षीय उद्यमी और परोपकारी। 2019 से सांसद। अंतरराष्ट्रीय विकास के लिए संसदीय सचिव रहे।टिप्पणी: सामुदायिक विकास में सक्रिय।
- सोनिया सिद्धू
निर्वाचन क्षेत्र: ब्रैम्पटन साउथ, ओंटारियो
वोट शेयर: उपलब्ध नहीं (कंजर्वेटिव सुखदीप कांग को हराया)
पृष्ठभूमि: 23 साल की उम्र में कनाडा आईं। 2015 से सांसद। स्वास्थ्य और सामुदायिक मुद्दों पर काम।
विशेष: ब्रैम्पटन के पंजाबी समुदाय में लोकप्रिय।
- अमंदीप सोही
निर्वाचन क्षेत्र: ब्रैम्पटन सेंटर, ओंटारियो
वोट शेयर: उपलब्ध नहीं (कंजर्वेटिव तरण चहल को हराया)पृष्ठभूमि: पंजाबी मूल की। पहली बार सांसद।
विशेष: बागापुराना, पंजाब से संबंध।
- सुख ढालीवाल
निर्वाचन क्षेत्र: सरे न्यूटन, ब्रिटिश कोलंबिया
वोट शेयर: 49.2% (कंजर्वेटिव हरजीत सिंह गिल को 44.1% के साथ हराया)
पृष्ठभूमि: 2015 से सांसद। पेशे से इंजीनियर, भूमि सर्वेक्षक, और व्यवसायी। नागरिकता और आव्रजन समिति के अध्यक्ष।
विशेष:: सरे के पंजाबी समुदाय में मजबूत पकड़।
- रणदीप सराय
निर्वाचन क्षेत्र: सरे सेंटर, ब्रिटिश कोलंबिया
वोट शेयर: उपलब्ध नहीं
पृष्ठभूमि: वकील और उद्यमी। 2015 से सांसद। वैंकूवर में जन्मे और पले-बढ़े।
विशेष: सरे में लगातार जीत।
- परम बैंस
निर्वाचन क्षेत्र: स्टीवेस्टन–रिचमंड ईस्ट, ब्रिटिश कोलंबिया
वोट शेयर: उपलब्ध नहीं (कंजर्वेटिव जैक सेहगल को 48.4% के मुकाबले हराया)
पृष्ठभूमि: पंजाब से प्रवासी परिवार। 2021 से सांसद। पूर्व में क्वांटलन पॉलिटेक्निक यूनिवर्सिटी में प्रशिक्षक।
विशेष:पंजाबी समुदाय का प्रतिनिधित्व।
- गुरबक्स सैनी
निर्वाचन क्षेत्र: फ्लीटवुड–पोर्ट केल्स, ब्रिटिश कोलंबिया
वोट शेयर: उपलब्ध नहीं
पृष्ठभूमि: पहली बार सांसद। पंजाबी मूल।
विशेष: ब्रिटिश कोलंबिया में उभरता चेहरा।
- इकविंदर गहीर
निर्वाचन क्षेत्र: मिसिसॉगा–माल्टन, ओंटारियो
वोट शेयर: उपलब्ध नहीं
पृष्ठभूमि: 2021 में सबसे युवा सांसद। जालंधर के पास एक गांव से प्रवास। हार्वर्ड-शिक्षित वकील।
विशेष: युवा नेतृत्व का प्रतीक।
- अंजू ढिल्लन
निर्वाचन क्षेत्र: क्यूबेक (विशिष्ट राइडिंग अनुपलब्ध)
वोट शेयर: उपलब्ध नहीं
पृष्ठभूमि: क्यूबेक में पहली सिख/दक्षिण एशियाई सांसद। 2015 से सांसद।
विशेष: क्यूबेक में भारतीय मूल की मजबूत आवाज।
- बर्दिश छागर
निर्वाचन क्षेत्र: वाटरलू, ओंटारियो
वोट शेयर: उपलब्ध नहीं
पृष्ठभूमि: 2015 से सांसद। विविधता और समावेशन पर काम। पूर्व में लघु व्यवसाय और पर्यटन मंत्री।
विशेष: लिबरल पार्टी की वरिष्ठ नेता।
- सुखमन सिंह गिल
निर्वाचन क्षेत्र: एबॉट्सफोर्ड–साउथ लैंगली, ब्रिटिश कोलंबिया
वोट शेयर: उपलब्ध नहीं
पृष्ठभूमि: सबसे युवा सांसदों में से एक। पंजाब के मोगा गांव से संबंध।
विशेष: युवा पंजाबी नेतृत्व।
- इंडी पंची
निर्वाचन क्षेत्र: न्यू वेस्टमिंस्टर–बर्नबे–मेलार्डविल, ब्रिटिश कोलंबिया
वोट शेयर: उपलब्ध नहीं
पृष्ठभूमि: न्यू वेस्टमिंस्टर से पहली भारतीय मूल की सांसद।
विशेष: क्षेत्र में ऐतिहासिक जीत।
कंजर्वेटिव पार्टी के विजयी उम्मीदवार (8)
- जसराज सिंह हल्लन
निर्वाचन क्षेत्र: कैलगरी ईस्ट, अल्बर्टा
वोट शेयर: 60.6% (लिबरल प्रीति ओभराय मार्टिन को 31.4% के साथ हराया)
पृष्ठभूमि: 2019 से सांसद। दुबई में भारतीय माता-पिता के घर जन्मे।
विशेष: कंजर्वेटिव पार्टी में प्रभावशाली आवाज।
- दलविंदर गिल
निर्वाचन क्षेत्र: कैलगरी मैकनाइट, अल्बर्टा
वोट शेयर: उपलब्ध नहीं
पृष्ठभूमि: पंजाबी मूल। पहली बार सांसद।
विशेष: अल्बर्टा में उभरता चेहरा।
- अमनप्रीत सिंह गिल
निर्वाचन क्षेत्र: कैलगरी स्काईव्यू, अल्बर्टा
वोट शेयर: उपलब्ध नहीं
पृष्ठभूमि: पंजाब के मोगा से संबंध। पहली बार सांसद।
विशेष: पंजाबी समुदाय का प्रतिनिधित्व।
- टिम उप्पल
निर्वाचन क्षेत्र: एडमॉन्टन मिल वुड्स, अल्बर्टा
वोट शेयर: उपलब्ध नहीं
पृष्ठभूमि: 2011-2015 तक सांसद। पूर्व में अंतरराष्ट्रीय व्यापार के लिए संसदीय सचिव।
विशेष: अनुभवी कंजर्वेटिव नेता।
- अमरजीत गिल
निर्वाचन क्षेत्र: ब्रैम्पटन वेस्ट, ओंटारियो
वोट शेयर: 50% (लिबरल कमल खेहरा को 47.5% के साथ हराया)
पृष्ठभूमि: पंजाबी मूल। स्वास्थ्य मंत्री कमल खेहरा को हराकर पहली बार सांसद।
विशेष: ब्रैम्पटन में बड़ी जीत।
- जगशरण सिंह महल
निर्वाचन क्षेत्र: एडमॉन्टन साउथईस्ट, अल्बर्टा
वोट शेयर: 53.6% (लिबरल अमरजीत सोही को 38.3% के साथ हराया)
पृष्ठभूमि: पंजाबी मूल। पहली बार सांसद।
विशेष: लिबरल के वरिष्ठ नेता को हराया।
- परम गिल
निर्वाचन क्षेत्र: मिल्टन ईस्ट–हाल्टन, ओंटारियो
वोट शेयर: उपलब्ध नहीं
पृष्ठभूमि: 2011-2015 तक ब्रैम्पटन–स्प्रिंगडेल से सांसद। 2018-2024 तक ओंटारियो विधानसभा में।
विशेष: अनुभवी पंजाबी नेता।
- सुखदीप कांग
निर्वाचन क्षेत्र: ब्रैम्पटन साउथ, ओंटारियो
वोट शेयर: उपलब्ध नहीं (लिबरल सोनिया सिद्धू को हराया)
पृष्ठभूमि: पंजाबी मूल। पहली बार सांसद।
विशेष: ब्रैम्पटन में कंजर्वेटिव की जी।