सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई ने कहा है कि वे सभी धर्मों का सम्मान करते हैं और उनकी हालिया टिप्पणी को सोशल मीडिया पर गलत तरीके से प्रस्तुत किया गया।
मामला खजुराहो की उस याचिका से जुड़ा है, जिसमें भगवान विष्णु की प्राचीन मूर्ति के पुनर्स्थापन और मरम्मत की मांग की गई थी। सुनवाई के दौरान सीजेआई गवई ने इस याचिका को “पब्लिसिटी इंटरेस्ट लिटिगेशन” करार देते हुए व्यंग्यात्मक तौर पर कहा था— “आप देवता से पूछिए कि कुछ करें।”
इस टिप्पणी को सोशल मीडिया पर तोड़-मरोड़कर पेश किया गया और इसे धार्मिक भावनाओं से जोड़ते हुए अनावश्यक विवाद खड़ा कर दिया गया।
सीजेआई गवई ने स्पष्ट किया कि उनका उद्देश्य किसी भी आस्था या धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाना नहीं था। उन्होंने कहा कि वे हमेशा सभी धर्मों को समान दृष्टि से मानते और आदर करते हैं।
यह घटना इस ओर भी संकेत करती है कि न्यायालय में दायर होने वाली याचिकाओं की गंभीरता और उनकी वास्तविक मंशा पर विचार करना उतना ही आवश्यक है, जितना कि न्यायपालिका की गरिमा और समाज की संवेदनशीलता को बनाए रखना।