“दैवी आदेश या अदालत की अवमानना?” — सीजेआई गवई पर जूता फेंकने वाले वकील का बेतुका दावा

*“दैवी आदेश या अदालत की अवमानना?” — सीजेआई गवई पर जूता फेंकने वाले वकील का बेतुका दावा*

सुप्रीम कोर्ट की कोर्ट नंबर 1 में सोमवार को उस समय सनसनी फैल गई जब वकील राकेश किशोर ने मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई की ओर जूता उछालने की कोशिश की।
सुरक्षा कर्मियों ने तुरंत उन्हें पकड़ लिया।

पूछताछ में वकील ने चौंकाते हुए कहा —
“दैवी शक्ति ने ऐसा करने को कहा था, मुझे कोई पछतावा नहीं… मैं जेल जाने को तैयार हूं।”

बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने इसे “न्यायपालिका की गरिमा पर प्रहार” बताते हुए उनका लाइसेंस निलंबित कर दिया है।
कानूनी बिरादरी ने कहा — “यह असहमति नहीं, अराजकता है।”

अब सवाल यही है —
क्या यह सच में कोई दैवी आदेश था या फिर कानून की सीमाओं से परे अहंकार का प्रदर्शन?

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