भोपाल। प्रदेश के सरकारी कॉलेजों में शिक्षकों की भारी कमी सामने आई है। दो साल में 32 नए कॉलेज खुले, लेकिन उनमें आवश्यक शिक्षकों की नियुक्ति नहीं हो सकी। रिपोर्ट्स के अनुसार, प्रदेश के कॉलेजों में 76 प्रतिशत प्राध्यापक और 56 प्रतिशत सहायक प्राध्यापक के पद खाली हैं।
सिर्फ शिक्षकों ही नहीं, प्राचार्यों के पदों की स्थिति भी चुनौतीपूर्ण है। नए कॉलेजों में शिक्षा की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए पर्याप्त स्टाफ की कमी एक गंभीर मुद्दा बन गई है।
मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग (MPPSC) ने सहायक प्राध्यापक के 2,117 पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू की है, लेकिन चयन प्रक्रिया में देरी और प्रशासनिक कारणों से पदों की भरपाई नहीं हो पा रही है। शिक्षकों की कमी से पढ़ाई की गुणवत्ता पर असर पड़ने की भी आशंका जताई जा रही है।
विशेषज्ञों का कहना है कि यदि भर्ती प्रक्रिया में तेजी नहीं लाई गई, तो नए कॉलेजों के छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने में मुश्किलें बढ़ सकती हैं।