ग्वालियर, 20 सितम्बर, 2025:
मध्यप्रदेश चेम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री में आज जीएसटी 2.0 में किए गए व्यापक सुधारों पर व्यवसायिक परिचर्चा का आयोजन किया गया। बैठक में सी.ए. दीपक वाजपेयी ने जीएसटी विशेषज्ञ के रूप में व्यवसायियों के सवालों का समाधान किया।
बैठक में अध्यक्ष डॉ. प्रवीण अग्रवाल ने कहा कि 22 सितम्बर से लागू होने वाले इन सुधारों का उद्देश्य व्यापारियों और उपभोक्ताओं को स्पष्ट लाभ प्रदान करना है। उन्होंने कहा कि इस परिचर्चा का मुख्य उद्देश्य व्यवसायियों को नई दरों, इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC), स्टॉक और रिफंड प्रक्रिया जैसी जटिलताओं की स्पष्ट जानकारी देना था।
व्यवसायियों ने विभिन्न मुद्दों पर सवाल उठाए, जैसे कि कच्चे माल पर अलग-अलग जीएसटी दरों का समायोजन, उत्पाद निर्माण पर आईटीसी रिफंड, स्टॉक पर प्रभाव, और तैयार उत्पादों पर जीएसटी दर शून्य होने की स्थिति में कर का भार किस प्रकार संभाला जाएगा।
सी.ए. दीपक वाजपेयी ने स्पष्ट किया कि 12 और 28 प्रतिशत की दरों को हटाकर 5, 18 और कुछ उत्पादों पर 40 प्रतिशत की दर रखी गई है। उन्होंने कहा कि जीएसटी का मूल ढांचा (2017 से लागू) नहीं बदला है, केवल उच्च दरों में संशोधन किया गया है। स्टॉक और आईटीसी से जुड़ी प्रक्रियाएं पहले जैसी ही रहेंगी, और व्यवसायियों को केवल आवश्यक समायोजन करना होगा। उन्होंने यह भी कहा कि जहां जीएसटी दर कम हुई है, वहां का लाभ अंतिम उपभोक्ता तक पहुँचाना व्यवसायियों की जिम्मेदारी होगी।
परिचर्चा के अंत में अध्यक्ष डॉ. प्रवीण अग्रवाल ने कहा कि 2017 के बाद जीएसटी में आई विसंगतियों का समाधान चेम्बर द्वारा सेमिनार और सुझावों के माध्यम से किया गया। इसी तरह, नए सुधारों में उभरती विसंगतियों पर सरकार को सुझाव भेजे जाएंगे, ताकि व्यवसायियों को कोई नुकसान न हो और उपभोक्ता भी लाभांवित हों।
बैठक का संचालन मानसेवी संयुक्त सचिव पवन कुमार अग्रवाल ने किया और आभार कोषाध्यक्ष संदीप नारायण अग्रवाल ने व्यक्त किया। इसमें संयुक्त अध्यक्ष हेमंत गुप्ता, कार्यकारिणी सदस्य महेंद्र कुमार साहू, अमित सेठी, नंदकिशोर गोयल, आशीष अग्रवाल, उद्यमी संजय कपूर, संजय धवन, सहित कई सदस्य उपस्थित रहे।