ग्वालियर, 18 सितम्बर।
उच्च न्यायालय खण्डपीठ ग्वालियर के प्रशासनिक न्यायाधिपति श्री आनंद पाठक ने कहा कि “यह प्रश्न केवल वृक्षारोपण का नहीं बल्कि विचार के अंकुरण का है।” उन्होंने आशा व्यक्त की कि आने वाले समय में ग्वालियर और आसपास का क्षेत्र एक मजबूत ग्रीन ईको सिस्टम का उदाहरण बनेगा।
न्यायाधिपति पाठक आज गुरुवार की शाम अन्य न्यायमूर्तिगणों और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ “आनंद पर्वत” पहुंचे, जहां उनके नेतृत्व में लगभग 600 पौधे लगाए गए। इस अवसर पर उन्होंने अपील की कि वृक्ष लगाने के साथ-साथ वृक्षों का संरक्षण और पोषण करना भी हम सबका कर्तव्य है।
वृक्षारोपण की शुरुआत न्यायाधिपति पाठक ने आम का पौधा लगाकर की। उनके साथ न्यायमूर्ति अनिल वर्मा, मिलिंद रमेश फड़के, आशीष श्रोती, अमित सेठ, पुष्पेन्द्र यादव, आनंद सिंह बहरावत और राजेश कुमार गुप्ता ने भी पौधे लगाए। वहीं उच्च न्यायालय के प्रिंसिपल रजिस्ट्रार राजीव के. पाल, रजिस्ट्रार नवीन शर्मा, विशेष न्यायाधीश ऋतुराज चौहान, आईजी अरविंद सक्सेना, डीआईजी अमित सांघी, कलेक्टर रुचिका चौहान, एसएसपी धर्मवीर सिंह और नगर निगम आयुक्त संघ प्रिय सहित कई अधिकारियों ने सहभागिता की।
न्यायाधिपति पाठक ने ग्वालियर जिला प्रशासन और नगर निगम द्वारा पहाड़ियों को हरा-भरा करने की इस पहल को “अभिनंदनीय प्रयास” बताते हुए कहा कि “हरि पर्वत और आनंद पर्वत जैसे प्रकल्प भविष्य में ग्वालियर को हिल स्टेशन जैसा हरा-भरा रूप देंगे।” उन्होंने इस अभियान में योगदान देने के लिए राम आस्था मिशन की सराहना भी की।
गौरतलब है कि जिला प्रशासन ने पहले हरि पर्वत को विकसित कर वहां करीब 6 हजार पौधे रोपे थे, जो अब वृक्षों का रूप ले चुके हैं। इसी सफलता के बाद आनंद पर्वत को विकसित करने का निर्णय लिया गया है। गुरुवार को रोपे गए 600 पौधों के अलावा यहां जल्द ही 3 हजार और पौधे लगाए जाएंगे।