*ग्वालियर में जल संरक्षण को नई दिशा: पुराने कुओं का होगा पुनर्भरण, हर पंचायत में 4 कुएं रीचार्ज होंगे*
ग्वालियर, 10 मई 2025/
ग्वालियर जिले में जल संरक्षण को लेकर सरकार द्वारा चलाया जा रहा “जल गंगा संवर्धन अभियान” ग्रामीण क्षेत्रों में जलसंकट को दूर करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल बनता जा रहा है। वर्षों से उपेक्षित पड़े पुराने कुओं को अब वर्षा जल संग्रहण के लिए पुनः जीवित किया जा रहा है। अभियान के तहत जिले की प्रत्येक ग्राम पंचायत को चार-चार कुओं के रीचार्ज का लक्ष्य दिया गया है, जिनमें से कई पंचायतों में कार्य प्रारंभ भी हो चुका है।
जिला कलेक्टर श्रीमती रुचिका चौहान के निर्देश पर जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री विवेक कुमार के मार्गदर्शन में कार्ययोजना तैयार की गई है। परियोजना अधिकारी श्री रविन्द्र सिंह जादौन ने बताया कि ग्रामीण अंचल में 965 जल संरचनाओं की पहचान की गई है, जिनमें से 895 को स्वीकृति मिल चुकी है और 880 संरचनाओं पर कार्य प्रारंभ हो चुका है।
इस अभियान के अंतर्गत 736 खेत तालाब, 1393 पुराने जलसंरचनाओं का जीर्णोद्धार तथा 15 नए अमृत सरोवर भी प्रस्तावित किए गए हैं, जिनमें से 6 को स्वीकृति मिल गई है। सभी संरचनाओं का स्थल चयन GIS तकनीक के माध्यम से किया गया है, जिससे उनके अधिकतम उपयोग की संभावना सुनिश्चित हो सके।
जल गंगा संवर्धन अभियान में विशेष भूमिका मनरेगा योजना की है, जिसके अंतर्गत 400, 1000 और 3600 घन मीटर क्षमता के खेत तालाब स्वीकृत किए गए हैं। तालाबों के लिए स्थल चयन में सिपरी सॉफ्टवेयर का उपयोग किया गया है, जो यह आकलन करता है कि किस स्थान पर जल अधिक समय तक टिकेगा।
खेत तालाबों से क्षेत्रीय जल स्तर में वृद्धि के साथ-साथ किसानों को सिंचाई की सुविधा मिलेगी। साथ ही, मछली पालन, सिंघाड़ा उत्पादन और अरहर की खेती के माध्यम से उन्हें अतिरिक्त आय का साधन भी उपलब्ध होगा।