टीचर्स सेल्फ केयर समिति (TSCT) की स्थापना 26 जुलाई 2020 को इस संकल्प के साथ की गई कि शिक्षक समाज के हर सदस्य को एक ऐसा साझा मंच मिले जहाँ शिक्षक स्वयं अपने साथियों की आर्थिक, सामाजिक और मानवीय सुरक्षा के लिए आगे आएँ। जीवन अनिश्चित है और नियति का निर्णय किसी के हाथ में नहीं, ऐसे में TSCT इस विश्वास के साथ कार्यरत है कि किसी शिक्षक के असामयिक निधन की स्थिति में उसके परिवार को कभी अकेला नहीं छोड़ा जाएगा।
“सेवा परमो धर्मः” के मूलमंत्र पर आधारित यह संगठन पूर्णतः स्वैच्छिक, निःशुल्क और पारदर्शी सहयोग प्रणाली के तहत चलता है, जिसमें केवल ₹15.50 के छोटे सहयोग से भी ₹49 लाख से अधिक की अकल्पनीय आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित की जा रही है। अब तक 4,14,000 से अधिक सदस्य इस परिवार से जुड़े हैं, 416 दिवंगत साथियों के परिवारों को ₹1 अरब 77 करोड़ 72 लाख से अधिक की सहायता दी जा चुकी है, और 107 घायल शिक्षकों को ₹34.45 लाख की मदद उपलब्ध कराई गई है। प्रत्येक माह 15 से 25 तारीख के बीच सहायता राशि सीधे दिवंगत शिक्षक के नामांकित सदस्य के बैंक खाते में ट्रांसफर की जाती है। यह मंच बेसिक, माध्यमिक, उच्च शिक्षा, शिक्षामित्र, अनुदेशक, बीईओ, डायट प्रवक्ता, क्लर्क और चतुर्थ श्रेणी कर्मियों सहित समस्त शिक्षण एवं सहयोगी वर्ग के लिए खुला है। सदस्यता पूर्णतः निःशुल्क है, जबकि ₹50 वार्षिक व्यवस्था शुल्क ऐच्छिक रूप से देकर अतिरिक्त लाभ लिए जा सकते हैं। सड़क दुर्घटना में ₹1 लाख से अधिक अस्पताल खर्च होने पर ₹25,000 से ₹50,000 तक की सहायता सुनिश्चित की जाती है। TSCT निरंतर विस्तार की दिशा में अग्रसर है, और 1 मई 2025 से “गंभीर बीमारी/दुर्घटना उपचार योजना” तथा 1 जून 2025 से “कन्यादान योजना” लागू की गई हैं, जिसमें मात्र ₹200 की जीवनदान सहायता से गंभीर बीमारी से पीड़ित सदस्यों को 1 से 4 लाख रुपये तक की मदद दी जा रही है। वर्तमान कन्यादान महाभियान में केवल ₹301 का सहयोग देकर आप 301 कन्याओं के विवाह में सहभागी बन सकते हैं।
इसके लिए निश्चित सदस्यता अवधि और शुल्क संबंधी शर्तें निर्धारित हैं। 1 मार्च 2025 से वैधानिक सदस्य के लिए सामान्य मृत्यु में एक वर्ष और सड़क दुर्घटना में छह माह का लॉक-इन पीरियड लागू है। TSCT का उद्देश्य केवल आर्थिक सहायता देना नहीं, बल्कि शिक्षक समाज के भीतर सहयोग, एकता और सामाजिक सुरक्षा की भावना को मजबूत करना है।
यह संगठन अपने संस्थापक मंडल — संस्थापक एवं प्रदेश अध्यक्ष श्री विवेकानंद आर्य (प्रयागराज), सह-संस्थापक एवं महामंत्री श्री सुधेश पाण्डेय (प्रयागराज), तथा सह-संस्थापक एवं कोषाध्यक्ष श्री संजीव रजक (बलिया) — के नेतृत्व में आज शिक्षक समाज के लिए राष्ट्रीय प्रेरणा बन चुका है।
एक छोटा सहयोग किसी परिवार का संबल, किसी बच्चे का भविष्य और शिक्षक समाज का स्वाभिमान बन सकता है। यही विश्वास TSCT को शिक्षक समाज का सबसे भरोसेमंद परिवार बनाता है, क्योंकि वास्तव में TSCT का मूलमंत्र है — आज का सहयोग कल हमारा..