राजस्थान की सियासत में अब “कह दिया तो कह दिया” वाला दौर जा रहा है। सरकार ने तय किया है कि अब मंत्री और विधायक पहले बोलना सीखेंगे—फिर बोलेंगे! जयपुर में शुरू हुआ यह विशेष प्रशिक्षण शिविर नेताओं की जुबान को न केवल धार देगा, बल्कि उसे ‘नपी-तुली’ भी बनाएगा।
शिविर में नेताजी को सिखाया जा रहा है कि प्रेस से कैसे बात करें, सोशल मीडिया पर क्या न कहें, जनता से संवाद कैसे बनाएं और सबसे ज़रूरी—सदन में क्या बोलना है, कितना बोलना है और कब चुप रहना है!
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने भी खुलकर इसका समर्थन किया और खुद प्रशिक्षण सत्रों में शामिल हुए। साफ संकेत है—अब कोई नेता अगर “बिना ब्रेक” बोलेगा, तो यह नसीहत मिलेगी: पहले ट्रेनिंग पूरी करो, फिर बयान दो!
यह कदम उन नेताओं के लिए भी संदेश है, जो अब तक ‘जुबान से लुढ़क’ कर पार्टी की किरकिरी करा चुके हैं। अब हर विधायक बोलेगा—but only with clarity, confidence and content!