न्यायमूर्ति भूषण रामकृष्ण गवई ने बुधवार को भारत के 52वें मुख्य न्यायाधीश (CJI) के रूप में शपथ ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक गरिमामय समारोह में उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
न्यायमूर्ति गवई की नियुक्ति ऐतिहासिक मानी जा रही है क्योंकि वे इस सर्वोच्च पद पर पहुंचने वाले पहले बौद्ध और अनुसूचित जाति समुदाय से आने वाले दूसरे न्यायाधीश हैं। उनकी सादगीपूर्ण भावनाओं की झलक तब देखने को मिली जब उन्होंने मंच से उतरकर अपनी मां के चरण स्पर्श किए और उनका आशीर्वाद लिया।
न्यायमूर्ति गवई का कार्यकाल 23 नवंबर 2025 तक रहेगा। उनके नेतृत्व में न्यायपालिका से न्यायिक सुधारों और समावेशी न्याय व्यवस्था को नई दिशा मिलने की उम्मीद है। उनकी नियुक्ति सामाजिक न्याय और विविधता की दिशा में भारतीय न्याय प्रणाली के एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखी जा रही है।