ग्वालियर, 18 मई 2025।
विश्व संग्रहालय दिवस के उपलक्ष्य में शनिवार को राज्य संरक्षित स्मारक मोतीमहल में “अतीत से भविष्य के सेतु – हमारे संग्रहालय” विषय पर एक विशेष व्याख्यानमाला का आयोजन किया गया। संचालनालय पुरातत्व, अभिलेखागार एवं संग्रहालय के तत्वावधान में आयोजित इस कार्यक्रम की मुख्य अतिथि राजा मानसिंह तोमर संगीत एवं कला विश्वविद्यालय की कुलगुरु प्रो. स्मिता सहस्त्रबुद्धे रहीं।
कार्यक्रम में उपस्थित इतिहासविदों व पुरातत्व विशेषज्ञों ने विद्यार्थियों और आमजनों को संग्रहालयों की भूमिका, पुरातात्विक धरोहरों के संरक्षण एवं पारंपरिक ज्ञान के दस्तावेजीकरण के महत्व से अवगत कराया। उन्होंने संग्रहालयों को समाज और संस्कृति के जीवंत केंद्र बताते हुए युवाओं से इनसे जुड़ने का आह्वान किया।
इस अवसर पर डॉ. मनोज अवस्थी, डॉ. योगेश यादव, डॉ. जितेन्द्र शर्मा, डॉ. चंद्रशेखर बरूआ सहित अन्य विद्वानों और इतिहासकारों ने अपने विचार रखे। कार्यक्रम में करीब 200 विद्यार्थियों ने सक्रिय सहभागिता निभाई।
कार्यक्रम की रूपरेखा उपसंचालक पुरातत्व एवं अभिलेखागार श्री पी. सी. महोबिया ने प्रस्तुत की और अतिथियों का स्वागत किया।
गूजरी महल संग्रहालय में म्यूजियम वॉक:
व्याख्यानमाला के उपरांत प्रतिभागियों को गूजरी महल स्थित केंद्रीय पुरातत्व संग्रहालय में “म्यूजियम वॉक” कराई गई। श्री पी. सी. महोबिया एवं श्री सपन साहू ने संग्रहालय की विभिन्न दीर्घाओं का भ्रमण कराते हुए वहाँ रखे गए ऐतिहासिक पुरावशेषों की विस्तृत जानकारी दी, जिससे प्रतिभागियों को प्रत्यक्ष अनुभव के माध्यम से इतिहास को समझने का अवसर मिला।