स्वतंत्रता संग्राम के असली जननायक शहीद उधम सिंह: जिला विद्यालय निरीक्षक गोंडा

मुझे अपनी सज़ा से कोई ऐतराज़ नहीं है। दस, बीस या पचास साल या फिर फाँसी। मैंने अपना कर्तव्य निभाया: शहीद उधम सिंह जी

तुमको अपना ही इतिहास पढ़ना चाहिए. यदि तुम में कोई मानवीय शालीनता है, तो तुमको शर्म से मरना चाहिए :शहीद उधम सिंह जी अंग्रेजों से

 

बाराबंकी। अमर शहीद शहीद उधम सिंह जी की 125 वीं जयंती जनपद बाराबंकी मुख्यालय नाका सतरिख स्थित डॉ बी आर अंबेडकर पार्क में बड़े ही धूमधाम से मनाई गई।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जिला विद्यालय निरीक्षक गोंडा डॉ रामचंद्र सिद्धार्थ ने कहा कि शहीद उधम सिंह जी का पूरा जीवन प्रेरणा से भरा हुआ है हम सबको उनके जीवन के विभिन्न अंशो को एक साथ आत्मसात करने की जरूरत है

शहीद उधम सिंह क्लब इंडिया द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में जनपद के विभिन्न क्षेत्रों, संगठनों के साथ-साथ वरिष्ठ समाजसेवियों नें पुष्पांजलि अर्पित कर शहीद उधम सिंह जी को नमन किया।

शहीद उधम सिंह क्लब के संस्थापक अध्यक्ष मनोज स्वतंत्र ने दीप प्रज्वलित व पुष्प अर्पित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
क्लब अध्यक्ष स्वतंत्र ने कहा कि शहीद उधम सिंह का जीवन हम सभी भारतीयों के लिए प्रेरणा स्रोत का काम करता है।

शहीद उधम सिंह जी का बलिदान-योगदान स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में सर्वश्रेष्ठ है। शहीद उधम सिंह जी से हमें एकता, भाईचारा व दृढ़ संकल्प की शिक्षा मिलती है, तमाम अभावों के बीच में शहीद उधम सिंह जी ने वह कार्य किया है जो तमाम संघर्षों से मुंह मोड़ लेने वाले या पीछे हट जाने वालों लोगों के लिए एक सबक है।
स्वतंत्र ने आगे कहा कि जब उधम सिंह को फांसी की सजा सुनाई जा रही थी तब उनके बयान को जज ने कहा कि यह बयान सार्वजनिक ना किया जाए, लेकिन 1996 को वह बयान सार्वजनिक हो सका. उन्होंने अपने बयान की शुरुआत अंग्रेजी औपनिवेशवाद की निंदा से की. उन्होंने कहा, “”मैं ब्रिटिश साम्राज्यवाद से घृणा करता हूं. आप कहते हैं कि भारत में शांति नहीं है लेकिन हमारे पास केवल गुलामी है. तथाकथित सभ्यता की पीढ़ियों ने हमारे लिए सब कुछ गंदा और विकृत कर दिया है.”उन्होंने आगे कहा, “तुमको अपना ही इतिहास पढ़ना चाहिए. यदि तुम में कोई मानवीय शालीनता है, तो तुमको शर्म से मरना चाहिए.” उन्होंने आगे कहा, “मुझे मौत की परवाह नहीं है. यह मेरे लिए कुछ भी नहीं है और मैं मरने की परवाह भी नहीं करता मैं एक उद्दश्य के लिए मर रहा हूं. ..मुझे मरने पर गर्व है. और मेरे जाने के बाद हजारों देशवासी भाई तुम लोगों को मेरे देश से बाहर कर देंगे.

कार्यक्रम संयोजक इंजीनियर सुभाष चंद्र ने कहा कि शहीद उधम सिंह जी के बलिदान से प्रेरित शहीद उधम सिंह क्लब इंडिया परिवार प्रत्येक वर्ष सामाजिक कार्यक्रम आयोजित करता आया है खासकर छात्रों, बुद्धिजीवी वर्गों व समाज में शहीद उधम सिंह जी के योगदान को, उनके चित्रों विचारों, संस्मरणों को जन-जन में पहुंचने का कार्य करता है। क्लब अध्यक्ष मनोज स्वतंत्र जी के निर्देशन में क्लब लगातार अपने नए आयामों को छू रहा है।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से हरिप्रसाद हनक जी, रत्नेश कुमार जी,आकाश यादव जी, अमन यादव जी,यतेंद्र राठौर जी, राम मनोहर जी, जय भास्कर जी,केशव राम गौतम जी, हरिनंदन, अशोक शर्मा, डॉ मुकेश चंद्र समेत सैकड़ो आमजमानस उपस्थित रहे।
क्लब संरक्षक अशोक शर्मा ने उपस्थित सभी समस्त जनसमूह का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि ऐसे कार्यक्रम हमारे समाज को एक नई दिशा प्रदान करते हैं और ऐसे आयोजन होते रहनें चाहिए।

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