हथकड़ी

डीएम कम्पाउंड के बगल में हत्या कर महिला का गाड़ा शव

कानपुर-डीएम कम्पाउंड के बगल में हत्या कर महिला का गाड़ा शव, जिम ट्रेनर ने 24 जून को हत्या कर गाढ़ दिया था शव, पुलिस ने प्रेम प्रसंग मानकर नहीं की…

राजनीति

पीडीएम गठबंधन का प्रत्याशी घोषित

लखनऊ अपना दल और ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तिहादुल मुस्लिमीन ने भी जारी की सूची, यूपी विधानसभा उपचुनाव में कूदा P.D.M गठबंधन, पल्लवी पटेल और ओवैसी की पार्टी का उपचुनाव…

कवर स्टोरीज़

कोई न्यायालय सबऑर्डिनेट नहीं, प्रचलित शब्दों में बदलाव ज़रूरी:उपराष्ट्रपति

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि न्यायपालिका हमारे देश का सबसे महत्वपूर्ण अंग है, इसमें सबऑर्डिनेट शब्द की कोई जगह नहीं है। कोई भी न्यायालय सबॉर्डनेट नहीं, इसमें बदलाव होना चाहिए। उन्होंने न्यायपालिका पर टिप्पणी करते हुए कहा, “जब मजिस्ट्रेट या जिला जज फैसला लिखता है उनके मन में एक शंका रहती है कि मेरे फैसले पर क्या टिप्पणी होगी। वह फैसला उसके भविष्य को निर्वहन करता है।” उन्होंने आगे कहा कि हम सभी को इनके प्रति सहानुभूति रखनी चाहिए। राजस्थान के जयपुर में एआईआर पुस्तकालय के उद्घाटन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि अधिवक्ता संघ को संबोधित करते हुए श्री धनखड़ ने कहा कि उद्योगपति एवं कॉर्पोरेट समूहों को अन्य संस्थानों को प्रदान की जाने वाली सहायता की तर्ज पर न्यायपालिका के कार्यान्वयन में भी सहायता प्रदान करनी चाहिए। अधिवक्ताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने आगे कहा कि कॉर्पोरेट्स के पास CSR फंड है और उनको लोकल अदालतों में इन्वेस्ट करना चाहिए। संसद में कानून पारित कर नागरिक संहिता में हुए परिवर्तन पर बोलते हुए उपराष्ट्रपति ने इसे औपनिवेशिक मानसिकता से मुक्त करने वाली एक महत्वपूर्ण घटना बताया। उन्होंने इसे दंडविधान से न्यायविधान की यात्रा बताते हुए कहा कि लंबे समय की मांग के बाद अंग्रेजों द्वारा बनाए गए इन कानूनों को निरस्त किया गया है जोकि नए वकीलों के लिए एक वरदान हैं। भारतीय न्याय संहिता सहित तीन कानूनों के पारित होते समय राज्यसभा के सभापति के रूप में स्वयं की उपस्थिति के अनुभवों को याद करते हुए कहा कि एक बहुत शक्तिशाली समिति ने इन कानूनों के प्रत्येक प्रावधान पर विचार किया। उन्होंने आगे कहा कि सरकार ने इस बदलाव में गहराई से जांच की है तथा तकनीक की मदद से प्रत्येक प्रावधान की पृष्ठभूमि को बारीकी से देखा गया है। देश में ज़िला न्यायालयों, वहाँ कार्यरत वकीलों एवं आम आदमी की न्याय प्राप्ति पर बोलते हुए उन्होंने कहा, “यदि हमें न्याय प्राप्ति को सस्ता और…

लाइट & कैमरा

नाटिका पर दर्शकों ने की खूब वाहवाही

  बाराबंकी, देवा मेला में शनिवार को सांस्कृतिक मंच पर यायावर रंगमण्डल द्वारा नृत्य नाटिका, मोको कहां ढूँढ़े रे बन्दे, की प्रस्तुति दी। जिसका निर्देशन यायावर रंगमण्डल के निदेशक पुनीत…