शिवपुरी जिले के विकासखंड पिछोर के भौंती गांव के प्रगतिशील किसान रामगोपाल गुप्ता ने कृषि के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने के कारण ‘मिलेनियर फार्मर अवार्ड 2024’ से सम्मानित होने का गौरव प्राप्त किया। उन्हें दिल्ली के पूसा कैंपस में कृषि जागरण की ओर से आयोजित एक राष्ट्रीय समारोह में यह अवार्ड दिया गया। इस अवार्ड के साथ ही रामगोपाल गुप्ता ने अपने कार्यों से न केवल अपने क्षेत्र, बल्कि समूचे देश के किसानों के लिए एक प्रेरणा का काम किया है।
रामगोपाल गुप्ता ने अपनी खेती को परंपरागत तौर तरीकों से आगे बढ़ाते हुए, कृषि और उद्यानिकी के समन्वय से एक मॉडल स्थापित किया है। उन्होंने कृषि क्षेत्र में नवाचारों को अपनाते हुए पीएमएफएमई योजना के तहत मूंगफली उत्पादन और ग्रेडिंग प्लांट स्थापित किया है। इसके अलावा, उन्होंने फूलों की खेती, गौपालन और प्राकृतिक खेती जैसे नवाचारी क्षेत्रों में भी कदम बढ़ाया है, जिससे उनकी आय में वृद्धि हुई है।
उनके खेतों में अब आंवला, गेहूं, मूंगफली जैसी प्रमुख फसलों के साथ-साथ गेंदा, गेलार्डिया जैसे फूलों की भी खेती की जा रही है। रामगोपाल गुप्ता का मानना है कि खेती केवल फसल उगाने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक समग्र प्रक्रिया है, जिसमें विभिन्न प्रकार की कृषि गतिविधियां और मॉडल जुड़ी होती हैं। उनकी सफलता का प्रमुख कारण उनकी लगन, तकनीकी ज्ञान और नए प्रयोगों के प्रति उनका उत्साह है।
इससे पहले, रामगोपाल गुप्ता को रानी लक्ष्मीबाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, झांसी द्वारा भी सम्मानित किया जा चुका है। कृषि विज्ञान केंद्र, शिवपुरी द्वारा उन्हें कृषि उद्यानिकी के क्षेत्र में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका के लिए सराहा गया था।
गुप्ता ने बताया कि उनकी खेती के लिए उपयुक्त हल्की रेतीली और पथरीली मिट्टी का उपयोग करते हुए, उन्होंने आंवला के 200 पौधे, गेंदा, गेलार्डिया जैसे फूलों की खेती शुरू की। इसके अलावा, उन्होंने पिछले खरीफ सीजन में अमरूद की उन्नत प्रजाति ‘ग्वालियर 27’ के 40 पौधे लगाए, जो कृषि विज्ञान केंद्र से प्राप्त हुए थे।
रामगोपाल गुप्ता की मेहनत और कृषि क्षेत्र में किए गए नवाचारों की सराहना भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद और मूंगफली अनुसंधान निदेशालय के निदेशक डॉ. एस. के. बेरा ने भी की। वे अपने संयुक्त दल के साथ इनकी खेती का जायजा लेने शिवपुरी आए थे और इनकी तकनीकी कार्यशैली और नवाचारों को सराहा।
गुप्ता की सफलता न केवल उनके व्यक्तिगत प्रयासों का परिणाम है, बल्कि यह उनके क्षेत्र में अन्य किसानों के लिए भी एक प्रेरणा बन चुकी है। उनकी पत्नी राशि गुप्ता, जो कृषि उद्यानिकी में अपनी रुचि रखती हैं, भी उनके साथ मिलकर आंवला प्रसंस्करण की गतिविधियों में सहायक बनीं। राशि गुप्ता ने आंवला से मुरब्बा, कैंडी, सूखा पाउडर बनाने की प्रक्रिया में भी अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
कृषक रामगोपाल गुप्ता का मानना है कि कृषि के क्षेत्र में लगातार सुधार और नई तकनीकों को अपनाना बेहद जरूरी है। उनका यह अवार्ड उन्हें और उनके जैसे अन्य किसानों को नई दिशा देने का काम करेगा और यह साबित करेगा कि कृषि केवल पारंपरिक नहीं बल्कि एक उन्नत और लाभकारी व्यवसाय बन सकता है।