मध्य प्रदेश की राजनीति में उस समय हलचल मच गई जब भाजपा के पूर्व राज्यसभा सांसद अजय प्रताप सिंह ने बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पर तीखा हमला बोलते हुए उन्हें ‘पाखंडी’ करार दिया। सिंह ने धीरेंद्र शास्त्री के कथित चमत्कारों और उनके हिंदू राष्ट्र संबंधी विचारों की कड़ी आलोचना की।
*शास्त्री पर ब्राह्मणवाद को बढ़ावा देने का आरोप*
अजय प्रताप सिंह ने अपने बयान में कहा कि धीरेंद्र शास्त्री ब्राह्मणवाद को बढ़ावा देकर समाज में जातिगत भेदभाव और छुआछूत को कायम रखने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि अगर हिंदू राष्ट्र की अवधारणा लागू होती है, तो क्या उसमें दलित, आदिवासी और पिछड़े समाज को समान अधिकार मिलेंगे?
स्वर्गीय हीरा सिंह मरकाम पर लगाए गए आरोपों की निंदा
पूर्व सांसद ने धीरेंद्र शास्त्री द्वारा दिवंगत आदिवासी नेता हीरा सिंह मरकाम पर लगाए गए आरोपों की भी कड़ी निंदा की। शास्त्री ने मरकाम पर विदेशी फंडिंग लेने और राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाया था। सिंह ने इन दावों को निराधार बताते हुए कहा कि यदि शास्त्री के पास कोई सबूत हैं, तो वे सरकार से जांच कराएं, अन्यथा सार्वजनिक रूप से माफी मांगें।
*राजनीतिक समीकरणों पर असर*
अजय प्रताप सिंह हाल ही में भाजपा छोड़कर गोंडवाना गणतंत्र पार्टी (जीजीपी) में शामिल हुए थे और लोकसभा चुनाव में सीधी सीट से प्रत्याशी भी रहे। उनके इस बयान के बाद राजनीतिक गलियारों में इसकी व्यापक चर्चा हो रही है।
इस पूरे मामले पर धीरेंद्र शास्त्री की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन यह विवाद राज्य की राजनीति में नया मोड़ ला सकता है।