रांची के मोराबादी मैदान में आज आयोजित भव्य समारोह में झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के नेता हेमंत सोरेन ने चौथी बार झारखंड के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। राज्यपाल संतोष गंगवार ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। इस अवसर पर झारखंड की राजनीति और समाज से जुड़े कई दिग्गज नेताओं के साथ हेमंत सोरेन के समर्थकों का भी भारी जनसमूह मौजूद रहा। समारोह का माहौल झारखंडी संस्कृति के रंग में डूबा हुआ था, और लोगों ने बड़ी संख्या में अपनी उपस्थिति से इस ऐतिहासिक पल को खास बनाया।
एकता पर जोर
शपथ ग्रहण से पहले अपने संबोधन में हेमंत सोरेन ने इसे झारखंड के इतिहास का नया अध्याय बताया। उन्होंने कहा, “आज का दिन ऐतिहासिक है। हमारी एकता ही हमारा सबसे बड़ा हथियार है। हमें न विभाजित किया जा सकता है और न ही शांत। हम झारखंडी हैं और झारखंडी कभी झुकते नहीं हैं।” उनके इस आत्मविश्वास भरे वक्तव्य को जनता ने तालियों और नारों के साथ सराहा।
मंत्रिमंडल विस्तार पर सस्पेंस
शपथ ग्रहण समारोह के दौरान सोरेन ने स्पष्ट किया कि उनकी सरकार जल्द ही मंत्रिमंडल का विस्तार करेगी। उन्होंने संकेत दिया कि सभी वर्गों और समुदायों को प्रतिनिधित्व देने के लिए एक समावेशी टीम तैयार की जाएगी। इस घोषणा से राज्य के राजनीतिक हलकों में चर्चा तेज हो गई है, और लोग मंत्रिमंडल में नई चेहरों की संभावनाओं पर अटकलें लगाने लगे हैं।
विकास के नए वादे
हेमंत सोरेन ने जनता को विकास और समृद्धि का भरोसा दिलाते हुए कहा कि उनकी सरकार शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और आदिवासी अधिकारों को प्राथमिकता देगी। उन्होंने विशेष रूप से झारखंड के युवाओं और किसानों के लिए नई योजनाओं का आश्वासन दिया। सोरेन ने कहा, “हम झारखंड को एक नई ऊंचाई तक ले जाने के लिए प्रतिबद्ध हैं, जहां हर वर्ग को समान अवसर मिलें।”
विपक्ष पर प्रहार
हेमंत सोरेन ने विपक्षी दलों पर भी निशाना साधते हुए कहा कि उनकी सरकार को कमजोर करने की साजिशें पहले भी नाकाम हुई हैं और आगे भी होंगी। उन्होंने कहा, “हमारे संघर्ष और एकता ने पहले भी चुनौतियों को हराया है, और आगे भी ऐसा ही होगा।” उनका यह बयान राजनीतिक संदेश देने के साथ-साथ उनके आत्मविश्वास को भी दर्शाता है।
ऐतिहासिक दिन का प्रतीक
हेमंत सोरेन का यह चौथा कार्यकाल झारखंड की राजनीति में उनकी मजबूत पकड़ को दर्शाता है। राज्य की जनता और झामुमो कार्यकर्ताओं के उत्साह से यह स्पष्ट है कि उनके नेतृत्व पर लोगों का भरोसा कायम है।
राज्य के विकास की ओर उम्मीदें
यह शपथ ग्रहण समारोह झारखंड की राजनीति में एक नई शुरुआत का प्रतीक है। सोरेन सरकार के सामने शिक्षा, रोजगार और आधारभूत संरचना जैसे मुद्दों पर काम करने की चुनौती है। जनता को उम्मीद है कि उनकी सरकार इन वादों को निभाने में सफल होगी।
यह दिन झारखंड की जनता और झारखंड मुक्ति मोर्चा दोनों के लिए एक यादगार पल बन गया, जिसे लंबे समय तक राज्य के इतिहास में याद रखा जाएगा।