ग्वालियर: मुरार छावनी क्षेत्र के सिविल एरिया को ग्वालियर नगर निगम में शामिल करने की दिशा में महत्वपूर्ण प्रयास तेज़ी से आगे बढ़ रहे हैं। इस सिलसिले में गुरुवार को मुरार छावनी के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ जिला प्रशासन और नगर निगम के अधिकारियों की एक अहम बैठक आयोजित की गई। यह बैठक सांसद श्री भारत सिंह कुशवाह की पहल पर हुई, जिसमें मुरार छावनी के सिविल एरिया के नगर निगम में विलय को लेकर विस्तृत चर्चा की गई।
मुख्य अधिकारी हुए बैठक में शामिल
बैठक में मुरार छावनी के स्टेशन कमांडर ब्रिगेडियर डी.वी. सिंह, कलेक्टर श्रीमती रुचिका चौहान, नगर निगम आयुक्त श्री अमन वैष्णव, अपर आयुक्त नगर निगम श्री विजय राज सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। सभी ने मिलकर सिविल एरिया को नगर निगम में शामिल करने के विभिन्न पहलुओं पर विचार किया और अपनी अपेक्षाओं को साझा किया।
विलय प्रस्ताव पर बनी सहमति
इस बैठक में सिविल एरिया के नगर निगम में विलय को लेकर विस्तृत चर्चा की गई, जिसमें छावनी क्षेत्र की सुरक्षा, स्थानीय निवासियों के हित और विकास के मुद्दों पर फोकस किया गया। अधिकारियों ने इस विलय प्रस्ताव को अंतिम रूप देने के लिए सहमति जताई, जिससे यह प्रक्रिया आगे बढ़ने के लिए तैयार हो गई है।
इस प्रस्ताव को अब राज्य शासन के माध्यम से रक्षा मंत्रालय भेजा जाएगा। रक्षा मंत्रालय की अनुमति मिलने के बाद नगर निगम की एमआईसी और परिषद में इसे मंजूरी के लिए रखा जाएगा।
निवासियों को मिलेंगी बुनियादी सुविधाएं और सरकारी योजनाओं का लाभ
नगर निगम में विलय के बाद मुरार छावनी क्षेत्र के सिविल एरिया के निवासियों को सरकार की प्रमुख योजनाओं का लाभ मिलने की उम्मीद है। प्रधानमंत्री आवास योजना, सामाजिक सुरक्षा पेंशन, स्वरोजगार के लिए आर्थिक मदद, और अन्य जनकल्याणकारी योजनाएं यहां के निवासियों के लिए सुलभ हो सकेंगी। इसके अलावा, सीवर, पेयजल, स्ट्रीट लाइट, और भवन निर्माण की अनुमति जैसी बुनियादी सुविधाओं में सुधार किया जाएगा।
यह कदम मुरार छावनी क्षेत्र के विकास की दिशा में महत्वपूर्ण साबित होगा और स्थानीय लोगों की जीवनशैली को बेहतर बनाने में मदद करेगा।
विलय की प्रक्रिया में अभी और कदम बाकी
अब जब अधिकारियों ने इस प्रस्ताव पर सहमति जताई है, तो यह प्रक्रिया जल्द ही राज्य शासन को भेजी जाएगी। राज्य शासन के माध्यम से यह प्रस्ताव रक्षा मंत्रालय पहुंचेगा। रक्षा मंत्रालय की अनुमति मिलने के बाद नगर निगम की एमआईसी और परिषद से मंजूरी मिलने पर ही इस कदम को अंतिम रूप दिया जाएगा।
यह निर्णय मुरार छावनी के सिविल एरिया के विकास और वहां रहने वाले लोगों की जरूरतों को पूरा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।