ग्वालियर, 4 दिसंबर 2024:
महाराज बाड़ा स्थित टाउन हॉल में बीते दिन ‘काव्यशाला’ कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया, जिसमें ग्वालियर और आसपास के क्षेत्रों से आए वरिष्ठ और नवोदित कवियों ने अपनी रचनाओं से साहित्यप्रेमियों को मंत्रमुग्ध किया। कार्यक्रम का आयोजन किड्जी स्कूल, गोले का मंदिर, डीडी नगर, ग्वालियर के सहयोग से कवि आकाश शर्मा के संयोजन में संपन्न हुआ।
कार्यक्रम की अध्यक्षता राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित कवि डॉ. सुनील त्रिपाठी ‘निराला’ ने की। मुख्य अतिथि के रूप में वरिष्ठ कवि प्रकाश मिश्र ने शिरकत की, जबकि विशिष्ट अतिथियों में अशोक शर्मा और अशोक ‘मस्तराज’ उपस्थित रहे। मंच संचालन रामलखन शर्मा ने किया।
कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण और दीप प्रज्वलन के साथ हुआ। कवयित्री श्वेता गर्ग ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की। इसके बाद दीपेंद्र सिंह तोमर और कवि आकाश शर्मा ने सभी अतिथियों का स्वागत माल्यार्पण और अंगवस्त्र भेंट कर किया।
प्रमुख कवियों की प्रस्तुति
– डॉ. सुनील त्रिपाठी ‘निराला’: कुंवर उदय मारे जाते यदि पन्ना धाय नहीं होती।
– विपिन तोमर ‘साहिल’: मैं चंबल का बागी बेटा गीत आग के गाता हूं।
– अनुभवी शर्मा: ना स्त्री ने बदन ढका, ना मर्दों ने आंखें मूंदी।
– विकास बघेल: उस परी ने हमें खूब चाहा मगर एक शायर की परियों से क्या दोस्ती।
– रामलखन शर्मा ‘अंकित’: हृदय की वेदना लिखती, नयन का नीर लिखती है।
– रामचरण चिराड़ ‘रुचिर’: एक तरफ तो खाई है गहरी, दूजी ओर कुआं है।
अन्य कवियों में दीपक जोशी, हेमंत कुमार, अंजली चौरसिया, प्रियंका राजावत, शिवम सिसोदिया, जगमोहन श्रीवास्तव, डॉ. आकाश कटारे, कल्पेश प्रजापति और मनीषा गिरि सहित लगभग साठ कवियों ने अपनी रचनाओं से साहित्य प्रेमियों का मन मोहा।
कार्यक्रम का समापन संयोजक आकाश शर्मा द्वारा सभी कवियों और गणमान्य अतिथियों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए हुआ। यह आयोजन साहित्यिक समृद्धि और नवोदित कवियों को मंच प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ।
संपर्क
आकाश शर्मा
कार्यक्रम संयोजक
मोबाइल: 8878869341