भोपाल: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अपनी जर्मनी और यूके यात्रा को राज्य के विकास और युवाओं के लिए रोजगार सृजन का एक महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने कहा कि यह यात्रा प्रदेश के ऊर्जावान और तकनीकी रूप से सक्षम युवाओं के लिए नए अवसरों का द्वार खोल रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यात्रा का मुख्य उद्देश्य मध्यप्रदेश में औद्योगिकीकरण को प्रोत्साहित करना, विदेशी निवेश आकर्षित करना और युवाओं के लिए बेहतर रोजगार अवसर उपलब्ध कराना है। म्यूनिख में अपनी यात्रा के अंतिम दिन मीडिया से चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि जर्मनी और यूके जैसे तकनीकी रूप से समृद्ध देशों से मिले सहयोग से मध्यप्रदेश को अपनी पारंपरिक क्षमताओं के साथ आधुनिक तकनीकों को अपनाने का अवसर मिलेगा।
जर्मनी से निवेश और तकनीकी सहयोग के प्रस्ताव
मुख्यमंत्री ने बताया कि जर्मनी से कृषि, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई), स्वास्थ्य, शिक्षा, नई तकनीक और भारी उद्योगों में निवेश के प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इन प्रस्तावों पर सक्रिय रूप से काम करेगी, जिससे युवाओं को तकनीकी प्रशिक्षण और रोजगार के अवसर मिलेंगे।
युवाओं के लिए भाषा बाधा दूर करने की पहल
मुख्यमंत्री ने कहा कि जर्मनी और यूके में कुशल कार्यबल की मांग है और मध्यप्रदेश के पास तकनीकी रूप से दक्ष युवा हैं। भाषा की बाधा को दूर कर राज्य के युवा इन देशों में रोजगार के बेहतर अवसर प्राप्त कर सकते हैं।
साझा विरासत और बेहतर संबंधों का लाभ
मुख्यमंत्री ने भारत और जर्मनी के मजबूत संबंधों की चर्चा करते हुए कहा कि मैक्समूलर जैसे विद्वानों ने संस्कृत और वेदों को दुनिया से परिचित कराया। उन्होंने कहा कि जर्मनी संस्कृत के सबसे करीब है और इस साझा विरासत का प्रदेश को लाभ मिल रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व की प्रशंसा
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को वैश्विक नेता बताते हुए कहा कि उनकी दूरदर्शी नीतियों से देश और मध्यप्रदेश आर्थिक विकास के पथ पर तेजी से अग्रसर हैं। डबल इंजन सरकार के तहत प्रदेश को औद्योगिक ताकत के रूप में स्थापित किया जा रहा है।
डॉ. यादव ने इस यात्रा को प्रदेश के युवाओं, उद्योगों और समग्र विकास के लिए मील का पत्थर बताया। उन्होंने भरोसा जताया कि जर्मनी और यूके से मिली तकनीकी साझेदारी और निवेश के प्रस्तावों से मध्यप्रदेश एक नई ऊंचाई पर पहुंचेगा।