- राधाकांत यादव
आज देश पद्म विभूषण से सम्मानित माननीय नेताजी मुलायम सिंह यादव का 84 वाँ जन्मदिन मना रहा है। माननीय नेताजी का जन्म 22 नवंबर 1939 में सैफई गांव , जिला इटावा उत्तर प्रदेश में हुआ था । पारिवारिक पृष्ठभूमि से नेताजी किसान थे लेकिन यही से राजनीति के शिखर का रास्ता तय किया और किसानो एवं आम लोगों के प्रति अपने लगाव व प्रेम के कारण ही वह आम जनमानस के बीच “धरती पुत्र” के नाम से मशहूर हो गए । आज वह सशरीर हमारे बीच नहीं है फिर भी वह हम सभी के दिल और दिमाग में बसे हुए हैं जिसका कारण यह है कि उनका समाज के प्रति योगदान एवं उनके विचार, उनका समाजवादी चिंतन व लोगों के प्रति संवेदना। आज देश व प्रदेश का हर गरीब, मजलूम, मेहनतकश वर्ग माननीय नेताजी का ऋणी है। उनके कार्य, विचार, भाषा-शैली तथा कठोर निर्णय लेने की क्षमताओं आदि का राजनीति में कोई उनका सानी नहीं है। आज हम नेताजी के उन कार्यों को याद करेंगे जिसकी वजह से वह “धरती पुत्र” व समाजवादी विचारधारा के मजबूत स्तंभ के रूप में याद किए जाते हैं।
नेताजी ने कुछ ऐसे महत्वपूर्ण कार्य किये जिससें भारतीय समाज की महिलाओं को बराबरी का हक मिला, समाज में कंधे से कंधा मिलाकर चलने की आजादी और शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ने व पढ़ने में सहायता मिली। नेताजी ने अपने मुख्यमंत्रित्व काल में स्त्रियों व बालिकाओं के लिए महत्वपूर्ण योजनाएं शुरू की जिसमें कन्या विद्या धन, बेरोजगारी भत्ता , निर्मल ग्राम योजना तथा जिप्सी से हाईवे पेट्रोलिंग आदि शामिल है।
नेताजी ने अपने द्वितीय मुख्यमंत्रित्व काल में झांसी में आयोजित कार्यक्रम में कुछ लाभार्थी छात्राओं को ₹30,000 का चेक देकर कन्या विद्या धन योजना की शुरुआत की इस योजना के तहत गरीब परिवार की छात्राओं को कक्षा 12 उत्तीर्ण करने पर उच्च शिक्षा हेतु ₹30,000 दिए जाते थे। यह योजना गरीब, मजदूर, दलित और पिछड़े अल्पसंख्यकों व गरीब सामान्य जाति के लोगों की बेटियों को उच्च शिक्षा प्राप्त करने में बहुत ही सहायक रही। इस तरह की योजना संविधान में वर्णित कल्याणकारी राज्य की अवधारणा को समाहित करती हैं। यह योजना आम गरीब लोगों के बीच व स्त्री शिक्षा के प्रोत्साहन हेतु मील का पत्थर साबित हुई।
सरकारी अस्पतालों में इलाज हेतु गरीब, मजदूर वर्ग के कल्याण को ध्यान में रखते हुए नेताजी ने ₹1 सरकारी फीस रखी जिससें कोई भी गरीब व्यक्ति सिर्फ ₹1 का पर्चा बनवाकर किसी भी सरकारी अस्पताल में अपना सफल इलाज करा सकता है। इस योजना से हमारे ग्रामीण समाज की महिलाएं ज्यादा से ज्यादा लाभान्वित हुई। नेताजी की यह दूरदर्शिता का परिणाम है कि तब से लेकर आज तक आने वाली किसी सरकार ने इस योजना को खत्म करने की जुर्रत नहीं की । इस योजना का लाभ गरीबों , अमीरों सभी के लिए था फिर भी सबसे ज्यादा लाभ गरीब, मजदूर परिवार की महिलाओं को प्राप्त हुआ इसके लिए गरीबों के अंतर्मन से नेताजी को हमेशा साधुवाद मिलता रहेगा ।
नेताजी ने जिप्सी से हाईवे पर पेट्रोलिंग जैसी महत्वपूर्ण योजना का शुभारंभ किया वैसे तो इस योजना से आम जनमानस को लाभ पहुंचा लेकिन सबसे ज्यादा लाभ यह था कि अब छात्राएं बेफिक्र होकर स्कूल, अस्पताल, बाजार आदि जगह आ जा सकती थी क्योंकि उनकी रक्षा व सुरक्षा के लिए नेताजी ने पुलिस को पेट्रोलिंग की नई व्यवस्था प्रदान की। इससे महिलाओं के अंदर असामाजिक तत्वों का भय खत्म हो गया और वे किसी भी क्षेत्र में पुरुषों से कंधे से कंधा मिलाकर चलने में अपने आप को सक्षम पा रही थी ।
महिलाओं की अस्मिता व रक्षा के लिए नेताजी ने निर्मल गांव योजना की शुरुआत की, नेताजी ने कहा महिलाओं के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में शौचालय की व्यवस्था न होने के कारण तमाम समस्याओं का सामना करना पड़ता है इसकी तरफ अब तक किसी सरकार ने ध्यान नहीं दिया, शौचालय की व्यवस्था न होने के कारण उन्हें सामाजिक रूप से अपमान का शिकार भी होना पड़ता था। महिलाएं अगर दिन में शौच जाना चाहे तो वह घर में शौचालय न होने के कारण बाहर शौच जाने में संकोच करती थी इसी समस्या को नेताजी ने सदन में पूरे जोर शोर के साथ उठाया और उस पर अमल हेतु गांव में शौचालय बनवाने के लिए सभी परिवारों को ₹ 3500 की अनुदान की व्यवस्था की। यह उनकी दूरदर्शिता का प्रत्यक्ष उदाहरण है कि आज वर्तमान में केन्द्रीय सरकार द्वारा उनकी योजनाओं को आगे बढ़ाते हुए हर घर शौचालय योजना लाए हैं।
नेताजी ने बहुचर्चित बेरोजगारी भत्ता योजना शुरू की शुरुआत की, जिसमे पढ़ने लिखने वाले ग्रेजुएट शिक्षित लोगों को ₹1000 प्रतिमाह बतौर भत्ता देने की कवायत शुरू की गयी। नेताजी का मानना था कि गरीब, मजदूर, दलित, अल्पसंख्यक, पिछड़ों व गरीब सवर्णो के बच्चों को यदि हम ₹1000 प्रतिमाह देते हैं तो वह इसका प्रयोग अपने भविष्य को सुधारने में करेंगे। छात्र एवं छात्राओं के विद्यार्थी जीवन को समझने वाला ऐसा मुख्यमंत्री विरले ही कहीं मिलता है जो जाति धर्म से ऊपर उठकर सभी के उज्जवल भविष्य हेतु बेरोजगारी भत्ता जैसी सहयोग राशि वाली योजना लाये।
उन्होंने महिलाओं की सामाजिक स्थिति व जिम्मेदारी को ध्यान में रखते हुए नगर निगम की महिला सफाई कर्मचारियों के कार्य स्थल आने के समय में परिवर्तन करते हुए सुबह 06:00 बजे से 08:30 बजे कर दिया और कहा कि वह भी किसी की मां , बहन और बेटी है उनका भी परिवार है और परिवार का आधार घर की स्त्री होती है, किसी भी जालिम सरकार को यह हक नहीं है कि वह गरीब मजलूम महिलाओं को उनके सम्मानपूर्वक जीवन जीने से वंचित रख सके।
वर्ष 1993 में माननीय नेताजी मुख्यमंत्री बने तब उन्होंने फूलन देवी जोकि गरीब मल्लाह (निषाद) की बेटी थी, पर दर्ज सभी मुकदमे वापस ले लिये और फूलन देवी को सभ्य समाज में जीने व बराबरी के मौके दिये। सभी मुकदमे वापस लेने के साथ-साथ फूलन देवी को जेल से रिहाई भी दिलवाई, नेताजी ने वर्ष 1996 में फूलन देवी को लोकसभा चुनाव में मिर्जापुर निर्वाचन क्षेत्र से टिकट भी दिया जहां से वे पहली बार डकैत की जिंदगी को तिलांजलि देकर लोकसभा पहुंची। दोबारा नेताजी ने फूलन देवी को 1999 में टिकट दिया वहां से पुनः निर्वाचित होकर लोकसभा पहुंची।
जब सामंतवादी मानसिकता के दुष्ट लोगों ने संसद सदस्य रहते हुए फूलन देवी की हत्या की तब सदन में नेताजी ने अपने शब्दों में कहा “एक तो इस समाज के लोगों ने फूलन देवी को डकैत कहा और बिना मुकदमा तय किए, बिना सजा तय किय उसे 11 वर्ष तक जेल में रखा और जब हमने उसे जेल से आजाद कराया तो सामंतवादी मानसिकता के लोगों ने उसे जेल के बाहर 11 वर्ष तक भी जिंदा नहीं रहने दिया। फूलन देवी इस भारतीय समाज की ऐसी महिला थी जो कि इस समाज के पुरुषों के द्वारा शोषण के खिलाफ खड़ी होने वाली महिलाओं की ताकत बन गई थी” । नेताजी ने फूलन देवी का उदाहरण देकर अपने मन में स्त्रियों के प्रति श्रद्धा व सम्मान को प्रदर्शित किया। आज किसी भी राजनेता में इतना साहस नहीं है कि वह सामाजिक रूप से बहिष्कृत किसी महिला को पुनः समाज में सम्मान दिलाने का इस तरह का प्रयोग करें और उसे लोकसभा सदस्य बनाने के लिए अग्रणी भूमिका का निर्वहन कर सकें। नेताजी का फूलन देवी के प्रति ऐसा वक्तव्य या कार्य यह प्रदर्शित करता है कि नेताजी महिलाओं के प्रति एक अच्छी सोच व नीयत रखते थे और उनके उत्थान हेतु नित्य नए प्रयोगों की खोज करते थे आज नेताजी का 84 वां जन्मदिन है हम सभी नेताजी के महिलाओं के प्रति किए गए प्रयासों के कारण हमेशा याद रखेंगे।
लेखक :–राधाकांत यादव
शोध छात्र:– मुलायम सिंह यादव का व्यक्तित्व एवं कृतित्व
छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय
कानपुर
